ऑस्ट्रेलिया से आए दूल्हे राजा, साइकिल रिपेयरिंग करने वाले की बेटी संग लिए सात फेरे

सबसे तेज न्यूज ब्यूरो
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धार। शादी में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में रहने वाले ऐश हॉन्सचाईल्ड ने दुल्हन बनी तबस्सुम हुसैन से निकाह किया. दोनों की शादी भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार हुई. दोनों की लव स्टोरी तब शुरू हुई, जब तबस्सुम पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थीं.
मध्य प्रदेश के धार जिले के मनावर में हुई शादी की खूब चर्चा हो रही है. करीब 10 हजार किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया से आए एक युवक की शादी भारतीय लड़की से तय हुई. इसी महीने 18 दिसंबर को हुई शादी में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में रहने वाले ऐश हॉन्सचाईल्ड ने दुल्हन बनी तबस्सुम हुसैन से निकाह किया. दोनों की शादी भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार हुई. दोनों की लव स्टोरी तब शुरू हुई, जब तबस्सुम पढ़ाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थीं. दोनों ने 2 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया में कोर्ट मैरिज की.
तबस्सुम के भाई रेहन हुसैन ने बताया कि ऐश हॉन्सचाईल्ड ने 2 अगस्त 2022 को तबस्सुम के साथ विदेश में कोर्ट मैरिज कर ली थी. इसके बाद ऐश हमारे परिवार से मिलने भारत आए. इस दौरान वे भारत की संस्कृति, खानपान और मेजबानी से काफी प्रभावित हुए. इसके बाद उन्होंने यहां पूरे रीति-रिवाज से शादी करने का फैसला लिया. ऐश अपनी मां जेनिफर पैरी के साथ मनावर आए हैं. तबस्सुम के परिवार में माता-पिता, तीन बहन और दो भाई हैं. इसमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है. वहीं ऐश के परिवार में उनकी मां जेनिफर पैरी है.

दूल्हे ऐश को भाए पोहा-जलेबी और दाल-बाफले
ऑस्ट्रेलिया से आए ऐश ने बताया कि उन्हें निमाड़ का खाना बहुत अच्छा लगा. उन्होंने कहा कि मुझे पोहा-जलेबी और दाल-बाफले बहुत अच्छे लगे. भारत में खाने का स्वाद काफी अच्छा है. बाकी भोजन का भी स्वाद लेंगे. ऐश ने कहा कि मैं बहुत सारे देशों में घूमा हूं. भारत में यह मेरी दूसरी यात्रा है. भारत सबसे जिंदादिल, रंग भरा और सबसे खूबसूरत देश है. उन्होंने कहा कि मनावर सबसे ज्यादा स्वागत और प्यार करने वाला शहर है.
मनावर की पटेल कॉलोनी में रहने वाले लड़की के पिता सादिक हुसैन की बस स्टैंड पर छोटी सी साइकिल सुधारने की दुकान है. सादिक ने बताया कि साल 2016 में मप्र सरकार से तबस्सुम को उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए 45 लाख रुपए की स्कॉलरशिप मिली थी. इसके सालभर बाद 2017​ में​​​​​​ तबस्सुम पढ़ाई करने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन चली गई. यहां साल 2020 में जर्मनी की एक कंपनी से उसे स्कॉलरशिप के रूप में करीब 74 लाख रुपए मिले. फिलहाल तबस्सुम इसी कंपनी में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत है.



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