मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ द्वारा राहुल हॉस्पिटल, मऊ में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया

- नवजात शिशुओं व बच्चों में होने वाली समस्याओं हेतु, मऊ में निःशुल्क के जांच शिविर लगाया गया व एक संगोष्ठी आयोजित की गई।

मऊ, 3 सितंबर, 2023: नवजात शिशुओं व बच्चों में कई प्रकार की समस्या होने की संभावना बनी रहती है और उन्हें कई प्रकार के रोग भी जल्दी घेर लेते हैं, अक्सर लोग इस प्रकार की समस्याओं के लिए सुपर स्पेशलिटी विशेषज्ञ डाक्टरों के लिए बड़े शहरों की तरफ रुख करना पड़ता है। ऐसे में जो लोग गांव,छोटे शहर में रहते हैं या फिर ऐसे सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल जाने में समर्थ नहीं हैं, उनके लिए यह सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मऊ में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस स्वास्थ्य शिविर में मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के बाल व शिशु रोग विशेषज्ञ डाक्टरों ने 300 से ज़्यादा बच्चों का निःशुल्क जाँच व परामर्श दिया ।

यह आयोजन 3 सितंबर रविवार को 10 से 3:00 बजे तक गाजीपुर तिराहा के पास स्थित राहुल हॉस्पिटल में आयोजित किया गया। जिसमें मेदांता हॉस्पिटल से सुपर स्पेशलिस्ट बाल रोग के विशेषज्ञ डॉ. आकाश पंडिता (शिशु रोग विशेषज्ञ) ,डॉ.दुर्गा प्रसाद ( बाल पेट व लीवर रोग विशेषज्ञ), डॉ. रोली श्रीवास्तव ( बाल ह्रदय रोग विशेषज्ञ )ने बच्चों व शिशुओं की जांच एवं निशुल्क परामर्श के लिए उपस्थित रहे उसके बाद शाम को गीतांजलि होटल, सहादतपुरा मऊ में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

डॉ आकाश पंडिता, एसोसिएट डायरेक्टर एंड हेड नियोनेटोलॉजी, मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ ने बताया कि आज यूपी में शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है इसकी मुख्य वजह है कि आज भी अधिकतर लोग डिलीवरी अस्पताल के बजाए घरों में ही करवाते हैं। उन्हें यह समझना होगा कि जब बच्चा पैदा होता है तो, उस समय का शुरुआती 1 घंटा गोल्टन ऑवर कहलाता है, यह बहुत ही महत्वपूर्ण पल होता है और इस समय बच्चो की हॉस्पिटल में डॉक्टर निगरानी करते रहते हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत उनका इलाज किया जा सकता है। इसलिए यदि डिलीवरी कराएं तो सिर्फ हॉस्पिटल में ही कराएं और इसके लिए आप किसी अच्छे ट्रेंड पीडियाट्रिशियन डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि बड़े बच्चों के अलावा छोटे बच्चे बहुत नाजुक होते हैं, यदि बड़े बीमार पड़ते हैं तो थोड़ा समय लिया जा सकता है मगर छोटे बच्चे बहुत ही सेंसटिव होते हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करने में जरा भी देरी ना करें, इसे गंभीरता से ले और कोई नीम-हकीम या फिर देशी दवाइयों के चक्कर में ना पड़ें, इसके अलावा छोटे बच्चों को समय समय पर डॉक्टर से दिखाते रहें। तभी आप इस सावधानियों के साथ अपने बच्चों को स्वस्थ रख सकते हैं।

डॉ दुर्गा प्रसाद(डीएम-बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ)ने बताया कि मऊ का 12 साल का लड़का जोकि हेपेटाइटिस ए वायरस के कारण जटिल लीवर रोग से पीड़ित था उनके पास एसजीपीजीआई अस्पताल से रेफेर हो के आया ,जिसका लीवर प्रत्यारोपण ही एक मात्र इलाज था। लीवर प्रत्यारोपण करने से पहले वह बच्चे के न्यूरोलॉजिकल परिणाम के बारे में चिंतित थे और तत्काल एमआरआई, ईईजी द्वारा न्यूरोलॉजिकल मूल्यांकन किया गया। जिसके बाद अगले दिन लीवर प्रत्यारोपण किया गया। लीवर प्रत्यारोपण के तीसरे दिन बच्चे में आशा की कुछ किरणें दिखाई दीं और धीरे-धीरे वह ठीक होने लगा। दो सप्ताह की निगरानी के बाद वह स्वास्थ हुआ। उन्होंने कहा कि शुरुआती स्तर में देखभाल में गंभीर रहना बहुत आवश्यक होता है, यदि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से दिखाना चाहिए लापरवाही जरा भी नहीं करनी चाहिए।

मेदांता हॉस्पिटल की कंसल्टेंट- (पैट्रियोटिक) इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, डॉक्टर रोली श्रीवास्तव ने बताया कि, आजकल छोटे बच्चों में लगभग 1% बच्चों में हार्ट डिजीज होने की संभनवना बनी रहती है, हालांकि इनमें से लगभग 70 80% हार्ट की प्रॉब्लम बच्चों में ऐसी होती है जिनका इलाज आज मौजूद है, बस कुछ ही हार्ट प्राब्लम होती हैं जिनके इलाज में बहुत कठिनाई आती है। बहुत सारे जो साधारण हार्ट प्राब्लम होती हैं, जिनको साधारण भाषा दिल में छेद कहते हैं। उनका भी बहुत ही आसान और सरल इलाज डिवाइस क्लोजर के जरिए किया जाता है जिसमें आपरेशन भी नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा बच्चों के लक्षणों पर ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, इन लक्षणों में बच्चों का तेज- तेज सांस लेना, वजन न बढ़ाना, जल्दी-जल्दी निमोनिया होना, शरीर का नीला पड़ना शामिल है। इसलिए यदि इस प्रकार के लक्षण दिखाई पड़ें तो तुरंत बच्चों के डॉक्टर से संपर्क करें, क्यों कि यदि आप बगैर देर किए डॉक्टर के पास संपर्क करेंगे तभी आपके बच्चे का जल्द और सही से इलाज भी हो पायेगा।

राहुल हॉस्पिटल, मऊ के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर एस.एन. राय जी ने मेदांता अस्पताल द्वारा की जा रही है इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे मऊ व आस पास के ज़िले के लोगों को सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के विशेषज्ञों की सुविधा और परामर्श समय-समय पर मिलने से बहुत सहूलियत मिली, समय-समय पर इस प्रकार के आयोजन भविष्य में भी होते रहेंगे। खासकर छोटे बच्चों को लेकर ऐसे स्थान में सुपरस्पेशिलिस्ट बाल रोग विशेषज्ञों की कमी के कारण लोगों को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसलिए इस प्रकार के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से लोगों को परामर्श देना व जांच बहुत ही सराहनीय कार्य है ।



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