...जहां नारी ही सर्वस्व है

-आनंद सिंह

......सिटी सर्विस की बस चल रही है। बाईं ओर की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है। दो महिलाएं अपने गंतव्य पर उतर गईं। बीसों मर्द खड़े होकर य़ात्रा कर रहे हैं। मैं भी उनमें से एक हूं। जैसे ही मैंने देखा कि दो सीटें खाली हुई हैं, मैं एक पर जाकर बैठना ही चाह रहा था कि कंडक्टर ने कंधे से पकड़ लिया। कहा, यह महिलाओं के लिए है। आप इस पर नहीं बैठ सकते। मैंने कोई 15 किलोमीटर का सफर (गणेश मंदिर से कामाख्या गेट) पैदल ही तय किया।
जी हां, चौंकने की बारी मेरी भी थी लेकिन यह रोजाना की कहानी है। असम ही नहीं, पूर्वोत्तर के आठों राज्यों में महिलाओं को सबसे ज्यादा सम्मान मिलता है। यहां नारी की पूजा होती है या नहीं, यह तो पता नहीं लेकिन नारी की इज्जत काफी होती है। उस दौर में, जब पूर्वोत्तर को छोड़ देश के प्रायः हर राज्य में महिलाओं पर भांति-भांति के जुल्म हो रहे हैं, पूर्वोत्तर के महिलाओं की हालत देख कर यही लगता है कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब देश भर में नारी की पूजा की जाएगी। पूर्वोत्तर के हर सूबे में महिला प्रधान समाज है। जिंदगी से जुड़े सारे फैसले यही करती हैं। पुरुष से चर्चा नहीं होती ऐसा भी नहीं। चर्चा होती है लेकिन आखिरी फैसला महिला ही करती है। मेघालय में खसिया और जयंतिया, दो जनजातियां हैं। इन दोनों जनजाति-समाज में महिलाएं ही सब कुछ हैं। खसिया जनजाति में यह खासियत है कि अगर आपकी शादी हो गई तो आप लड़की पक्ष के घर में ही घरजमाई बन कर रहेंगे। जयंतिया में लड़की बारात लेकर लड़के के घर आती है। यानी, परंपरा में महिलाएं ही हैं। दोनों ही समाजों में महिलाएं ही लीड करती हैं। पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में महिलाएं नौकरी करती हैं, व्यापार करती हैं और जीवन की योजनाएं बनाती हैं। पुरुष वर्ग घर के काम-काज करता है। बच्चों के देख-भाल से लेकर घर की साफ-सफाई तक। पुरुष भी काम-धाम करते हैं। पर, मोटे तौर पर महिलाएं ही डोमिनेट करती हैं....बिजनेस, नौकरी अथवा कोई भी क्षेत्र हो। गुवाहाटी के अधिकांश बैंकों में महिलाएं ही प्रबंधक की भूमिका में हैं। स्टेट बैंक आफ इंडिया, हाथी गांव शाखा की प्रबंधक महिला ही हैं। कई निजी बैंकों में भी सीनियर पोजीशन पर महिलाएं ही हैं। कई शो रूम हैं जिसकी संचालिका महिलाएं ही हैं। चाहे केबल कनेक्शन का काम हो अथवा सलवार-कमीज सिलवानी हो, आपको महिलाएं हर जगह लीड करती हुई मिल जाएंगी। पूर्वोत्तर की लाइफ लाइन में महिलाओं की सशक्त मौजदूगी है। यह खुद में अनोखा है।



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